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दर्द का सिद्धांत

दर्द का सिद्धांत
एक्यूप्रेशर के माध्यम से शरीर के विभिन्न भागों में दर्द होने का उपचार सफलता पूर्वक किया जा सकता है। शरीर में सभी तरह के दर्द का मुख्य कारण Cramps, Spasm, Sprain, Neuralgia, Injuries, Rheumatoid Arthritis, Rheumatic Arthritis, Gout, Inflammation आदि होते हैं। इन सबका प्रभावी उपचार एक्यूप्रेशर में उपलब्ध है।
1. Arthritis
यह तीन प्रकार की होती है :-
(a) Gout :-
रक्त में जब यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो गठिया (Gout) रोग हो जाता है। इसका प्रारंभ दाहिने पैर के आगूठे के दर्द से होता है। धीरे धीरे यह दर्द अन्य जोड़ो में भी पहुंच जाता है। एक्युप्रेशर के माध्यम से रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा घटा देने से गठिया का उपचार सफलता पूर्वक हो जाता है।

(b) Rheumatoid Arthritis:-
रोगी को विभिन्न जोड़ो में दर्द होने लगता है। कभी कभी रोगी का Rheumatoid Factor भी बढ़ जाता है। Allopathic अथवा अन्य चिकित्सा विधा में इस रोग का समुचित उपचार उपलब्ध नहीं है। इसमें केवल Pain killer Evam steroids देकर तात्कालिक लाभ ले सकते हैं, परंतु रोग को जड़ से ठीक नहीं कर सकते हैं। एक्युप्रेशर के माध्यम से नई तथा पुरानी Rheumatoid Arthritis का संभव है तथा इसमें बीमारी जड़ मूल से ठीक हो जाती है।

(c) Rheumatic Arthritis:
बच्चो एवं यूआओ को हार्ट valve की गड़बड़ी से जोड़ो में दर्द चालू हो जाता है। रोगी को पहली तो गले में streptococcal इन्फेक्शन होकर तीव्र बुखार हो जाता है तथा बुखार ठीक होने पर यह streptococcal infection heart तक चला जाता है। बुखार तो ठीक हो जाता है परंतु hrart के valve की कार्य प्रणाली में गड़बड़ी आ जाती है। इसमें रोगी के जोड़ो में दर्द बढ़ जाता है। इसी को Rheumatic Arthritis कहते हैं।

2. Sprain:-
शरीर में कहीं भी सर से लेकर पैर तक चोट लग जाए या मोच हो जाए तो एक्युप्रेशर में इसका बहुत बढ़िया इलाज है तथा तत्काल लाभ मिलता है।
गर्दन की मोच, कंधे की मोच, कोहनी की मोच, कमर की मोच, कूल्हे की मोच, घुटने की मोच, टखने की मोच आदि सभी तरह की मोचो के इलाज एक्यूप्रेजर से संभव है।

3. Cramps:-
शरीर में जगह जगह पर नस चडकर cramps आने लगें तो रोगी दर्द से कराह उठता है। एक्युप्रेशर उपचार द्वारा बायंते में तत्काल आराम मिलता है तथा preventive treatment देने cramps दोबारा नहीं आते हैं।

4. Spasm:-
कभी कभी शरीर में जगह जगह येथन होती हैं। इसमे अंग एक तरफ को ऐंठ जाता है तथा ऐंठन काफी समय तक बनी रहती है। एक्युप्रेशर की सहयता से सभी तरह की ऐंठन का उपचार हो जाता है तथा सर, आंख, नाक, कान, गला, गाल, गर्दन, पीठ, छाती, पेट तथा हाथ पैर में होने वाले Aches एवं pains का भी एक्युप्रेशर द्वारा समुचित उपचार किया जा सकता है।

5. Carpal Tunnel Syndrome:-
कलाई की median nerve जब दब जाती है तो उस हाथ का अंगूठा, तर्जनी, माध्यम, अनामिका अंगुलियों का radial half सूत्र हो जाता है तथा उसे दर्द रहने लगता है। इसको Carpal Tunnel Syndrome भी कहते हैं। Allopathic में इसका उपचार आपरेशन के द्धारा किया जाता है जबकि एक्युप्रेशर में इसका उपचार बिना ऑपरेशन के ही संभव है।

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