गुदा रोगों में एक्यूप्रेशर चिकित्सा
पाइल्स या बवासीर:-
मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण बवासीर/ पाइल्स की समस्या होती है। इसके कारण गुदा में सूजन हो जाती है।लक्षण:-
लैट्रिन के समय खून आना, यह धार की तरह या बूद के रूप में हो सकता है। मस्सों का बाहर आना, रोगी को कुछ मांस जैसा बाहर निकलता महसूस होता है। कभी कभी रोगी को तेज दर्द भी होता है। कभी कभी कुछ चिपचिपा पदार्थ जैसा निकलता है।फिशर :-
इस बीमारी में कब्ज के कारण सख्त लैट्रिन की वजह से लैट्रिन के रास्ते में जख्म बन जाता है।
लक्षण: –
लैट्रिन करते समय बहुत तेज दर्द होना। दर्द के साथ खून का आना। लैट्रिन के रास्ते में जलन महसूस होना। कभी कभी जब फिशर पुराना हो जाता है तो वहां सूखा मस्सा भी बन जाता है। इसे बादी बावाशीर कहते हैं।भगंदर, और फिसचुला : इस बीमारी में लैट्रिन के रास्ते के आसपास फुंसी या फोड़ा जैसा बन जाता है, जो पक कर फुट जाता है। इसमें से रूक रुककर पस निकलता है। इसका रास्ता अंदर मलास्य में खुलता है।
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